सम और विषम संख्याएँ गणित की मूलभूत अवधारणाएँ हैं। सम संख्याएँ वे होती हैं जिन्हें 2 से विभाजित किया जा सकता है बिना किसी शेष के, जबकि विषम संख्याएँ वे होती हैं जिन्हें 2 से विभाजित करने पर 1 शेष बचता है। हिंदी में, 'सम' का अर्थ है 'बराबर' और 'विषम' का अर्थ है 'अकेला' या 'अलग'।
जापानी में '偶数と奇数' (ōsu to kisuu) का अर्थ है 'सम संख्याएँ और विषम संख्याएँ'। जापानी गणितीय परंपरा में, संख्याओं को उनके गुणों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, और सम और विषम संख्याओं को महत्वपूर्ण माना जाता है।
सम और विषम संख्याओं का उपयोग विभिन्न गणितीय कार्यों में किया जाता है, जैसे कि जोड़, घटाव, गुणा और भाग। वे बीजगणित और कलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सम और विषम संख्याओं की अवधारणा को समझना गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक है। यह अवधारणा बच्चों को संख्याओं के बारे में सोचने और उन्हें वर्गीकृत करने में भी मदद करती है।
इस शब्दावली का अध्ययन करते समय, सम और विषम संख्याओं की परिभाषाओं, गुणों और उपयोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। यह आपको हिंदी और जापानी दोनों भाषाओं में इस विषय पर प्रभावी ढंग से संवाद करने में मदद करेगा।