भू-विज्ञान पृथ्वी का अध्ययन है, जिसमें इसकी संरचना, इतिहास, और प्रक्रियाओं का अध्ययन शामिल है। यह एक बहु-विषयक विज्ञान है जो भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, और गणित जैसे अन्य विषयों से ज्ञान का उपयोग करता है। भू-विज्ञान हमें पृथ्वी के अतीत को समझने और भविष्य की भविष्यवाणी करने में मदद करता है।
भारत में, भू-विज्ञान का एक लंबा और समृद्ध इतिहास है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में पृथ्वी की संरचना और प्रक्रियाओं के बारे में कई अवलोकन पाए जाते हैं। आधुनिक भू-विज्ञान ने भारत के प्राकृतिक संसाधनों की खोज और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भू-विज्ञान के कई उप-विषय हैं, जैसे कि खनिज विज्ञान, शैल विज्ञान, भू-आकृति विज्ञान, और भू-भौतिकी। प्रत्येक उप-विषय पृथ्वी के एक विशिष्ट पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है।
भू-वैज्ञानिक प्रक्रियाओं में ज्वालामुखी, भूकंप, कटाव, और प्लेट टेक्टोनिक्स शामिल हैं। ये प्रक्रियाएं पृथ्वी की सतह को लगातार बदल रही हैं।
भू-विज्ञान का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को कम करने, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करने, और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए किया जा सकता है।
भू-विज्ञान एक आकर्षक और महत्वपूर्ण विज्ञान है जो हमें पृथ्वी और हमारे आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।