प्रतिवर्ती क्रियाएँ वे क्रियाएँ हैं जिनमें कर्ता स्वयं क्रिया का अनुभव करता है। दूसरे शब्दों में, क्रिया का प्रभाव कर्ता पर ही पड़ता है। हिंदी और उड़िया दोनों भाषाओं में प्रतिवर्ती क्रियाएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और वाक्य संरचना को प्रभावित करती हैं।
प्रतिवर्ती क्रियाओं को बनाने के लिए अक्सर 'स्वयं' या 'खुद' जैसे सर्वनामों का उपयोग किया जाता है। उड़िया में, 'जिबा' (जि) प्रत्यय का उपयोग भी प्रतिवर्ती क्रियाओं को दर्शाने के लिए किया जाता है। इन क्रियाओं का उपयोग व्यक्तिगत कार्यों, आदतों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
प्रतिवर्ती क्रियाओं से संबंधित शब्दावली सीखना हिंदी और उड़िया दोनों भाषाओं के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है। यह उन्हें इन क्रियाओं को पहचानने, समझने और सही ढंग से उपयोग करने में मदद करता है।