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पर्जन्यमान / वर्षण - लेक्सिकन

पर्जन्यमान, जिसे आमतौर पर वर्षा के रूप में जाना जाता है, पृथ्वी पर जीवन के लिए एक अनिवार्य घटक है। यह जल चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पृथ्वी की सतह पर पानी को वितरित करता है और पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखता है। मराठी और हिंदी दोनों भाषाओं में, वर्षा से संबंधित शब्दावली कृषि, मौसम विज्ञान और दैनिक जीवन में गहराई से जुड़ी हुई है।

वर्षा की उत्पत्ति वायुमंडल में जल वाष्प के संघनन से होती है, जिसके परिणामस्वरूप बादल बनते हैं और फिर वर्षा के रूप में पृथ्वी पर गिरते हैं। वर्षा के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि हल्की बूंदा बांदी, भारी बारिश, ओलावृष्टि और हिमपात, जो तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं।

भारत में, मानसून वर्षा कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फसलों की सिंचाई के लिए पानी प्रदान करती है। मराठी और हिंदी क्षेत्रों में, मानसून का आगमन त्योहारों और उत्सवों का समय होता है। वर्षा से संबंधित लोककथाएं और गीत इन भाषाओं की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग हैं।

वर्षा की शब्दावली का अध्ययन करते समय, विभिन्न प्रकार की वर्षा, वर्षा के मापन की इकाइयों और वर्षा के प्रभावों को समझना महत्वपूर्ण है। यह हमें मौसम के पैटर्न को समझने और कृषि और जल प्रबंधन के लिए बेहतर योजना बनाने में मदद करेगा।

बारिश, वर्षा
बर्फ, बर्फबारी
बूंदा बांदी
ओलों
ओले के साथ वर्षा, मूसलधार बारिश, ओला
आंधी, आंधी तूफान
मूसलधार बारिश
मूसलधार बारिश
नमी
ओस
पाला
आइसिंग
वाष्पीकरण
धुंध, कुहासा
जमना
बर्फानी तूफान, बर्फानी तूफ़ान
छप छप
धार
अतिप्रवाह
पोखर
पूल
अपवाह
छींटे डालना
बड़ी गिरावट
गीला
टपकता
तूफ़ानी बादल
फूट पड़ना
वर्षा जल
बर्फ के छर्रे
मौसम, जलवायु
फुहार
विरगा
बादल
बर्फीला तूफान
मौसम का मोर्चा